हाइलाइट्स
संजय सिंह कैसे फंसे?
Sanjay Singh Arrest: आरोप-पत्र में क्या-क्या है
दिल्ली शराब घोटाले (Delhi Excise Policy Case) पर एक बार फिर ईडी ने शिकंजा कसा है और करीब साढ़े 10 घंटे की पूछताछ के बाद आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो, ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली आबकारी घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लंबी पूछताछ के बाद 51 वर्षीय संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया है।
दरअसल, ईडी ने संजय सिंह के खिलाफ कार्रवाई एक ऐसे शख्स के बयान के आधार पर की है, जिसे सीबीआई मनीष सिसौदिया का करीबी मानती है। जिस शख्स की गवाही के कारण संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई उसे पहले तो ईडी ने ही गिरफ्तार किया और बाद में वह सरकारी गवाह बन गया। आपको बता दें कि ईडी ने दिल्ली एक्साइज के तहत मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को संजय सिंह के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
संजय सिंह कैसे फंसे?
दरअसल, संजय सिंह का नाम दिल्ली एक्साइज घोटाला मामले की आरोप-पत्र में है। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, जांच एजेंसी को सौंपे अपने बयान में दिनेश अरोड़ा ने कहा कि उनकी पहली मुलाकात संजय सिंह से हुई थी, जिसके बाद अनप्लग्ड कोर्टयार्ड के एक रेस्टोरेंट में आयोजित एक पार्टी के दौरान दिनेश अरोड़ा की मुलाकात डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया से हुई। संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने कई रेस्टोरेंट-बार मालिकों से बात की और पार्टी मनी के तौर पर 82 लाख रुपये इकट्ठा कर मनीष सिसौदिया को दिए।
आरोप-पत्र में क्या-क्या है?
आरोप-पत्र में कहा गया है कि बार-रेस्तरां मालिकों से एकत्र किए गए 82 लाख रुपये का इस्तेमाल आगामी आम चुनावों में किया जाना था। सार्थक फ्लेक्स नाम के रिटेल कारोबार के मालिक अमित अरोड़ा ने अपने कारोबार को पीतमपुरा से ओखला शिफ्ट करने के लिए दिनेश अरोड़ा से मदद मांगी, जिसके लिए दिनेश अरोड़ा ने मनीष सिसौदिया से बात की और संजय सिंह की मध्यस्थता के बाद मामला एक्साइज विभाग में पेंडिंग पड़े इस फाइल को पास करवाकर मामले को सुलझाया। दिनेश अरोड़ा ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर मनीष सिसौदिया से पांच से छह बार बात की और बाद में वह एक बार संजय सिंह के साथ केजरीवाल के आवास पर अरविंद केजरीवाल से भी मिले।
गिरफ्तारी से पहले Aam Aadmi Party के नेता Sanjay Singh का बयान