नवरात्रों में अगर आपको यह संकेत मिलते हैं तो माता रानी का वास आपके घर में है, माता रानी आपके घर में आ चुकी है। माता रानी आपसे प्रसन्न है और जिससे माता प्रसन्न होती है उन्हें किसी चीज़ की कमी नहीं होती है। माता स्वयं उन्हें दर्शन देती है, उनके घर परिवार को सुख समृद्धि प्रदान करती है और हर प्रकार की बला से उनके घर को सुरक्षित रखतीं हैं। ऐसे कुछ संकेत है जो मैं इस लेख के माध्यम से आपको बताने जा रहा हूँ। अगर कुछ त्रुटि होती है तो इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ!
नवरात्रि में माता की पूजा अर्चना की जाती है साथ ही माता के व्रत किए जाते हैं। नौ नवरात्रों में माता के नौ दिनों के व्रत किए जाते हैं, कई लोग ऐसे हैं जो माता रानी का शुरु और अंतिम का व्रत करते हैं। कमोबेश लगभग सभी हिन्दू घरों में माता की चौकी लगती हैं। सभी घरों में माता की भजनों का गुणगान होता हैं और माता की पूजा की जाती है।
साथ ही जगह-जगह पर जागरण का आयोजन किया जाता हैं। जो लोग माता की पूजा करते हैं नवरात्रों में और माता जब प्रसन्न होती है तो बहुत सारे संकेत वो अपने सेवकों को अपने भक्तों को देती है। अधिकतर लोग इन संकेतों को नहीं समझ पाते क्योंकि संकेतों की तरफ उनका ध्यान ही नहीं होता पर जब हमें यह संकेत मिलते हैं तो हमें समझ जाना चाहिए कि कहीं ना कहीं माता रानी हमसे प्रसन्न है और हमारे घर में वास कर रही है। माता रानी एक ऐसी जगत जननी माता है, जो अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं। नवरात्रों में जहां साधक साधना करते हैं वहीं हर घर में माता की चौकी लगाकर माता के भजनों का गुणगान होता है। माता को भोग अर्पित किया जाता है साथ ही कई जगहों पर जागरण के द्वारा माता रानी का रतजगा किया जाता है। कई लोग माता रानी का व्रत करते हैं तो कई लोग माता रानी के नाम का हलवा, पूरी और अन्य प्रसाद बांटते हैं।
सबसे पहला संकेत जो आप महसूस करते हैं या देखते हैं, जब आप नवरात्रों की पूजा अर्चना शुरू करते हैं और नवरात्रि के दौरान आपके स्वप्न में अगर आपको अपने पितरों के दर्शन हो तो समझना चाहिए की माता रानी आप पर प्रसन्न हैं और माता का वास आपके घर में हो चुका है। जब कोई देवी शक्ति आपके घर में प्रवेश करती है चाहे वो नकारात्मक हो या सकारात्मक, सबसे पहले वे स्वप्न देती हैं। अगर कोई नकारात्मक शक्ति है तो हमारे पितर या पूर्वज हमें रोते हुए दिखेंगे और फिर इस तरीके के दिखते हैं जैसे वह निर्बल हो चुके हैं। पर जब कोई सकारात्मक शक्ति हमारे घर में प्रवेश करती है तो हमारे पूर्वज हमें प्रसन्नचित्त अवस्था में स्वप्न दर्शन देते हैं। जिस प्रकार से वो जब जीवित थे और हमारे साथ जिस प्रकार से पहले वार्तालाप करते थे, उसी प्रकार से वो हमे स्वप्न दर्शन देते हैं और स्वप्न में वार्तालाप करते हैं। तो पहला संकेत माता के होने का है पूर्वजों के दर्शन क्योंकि पूर्वज माता के साथ ही रहते हैं तथा उनकी सेवा में लीन रहते हैं।
दूसरा संकेत हमें स्वप्न के माध्यम से कोई बच्ची दिखाई देती है जो हमारे आस पड़ोस, हमारे परिवार, हमारे रिश्तेदार में से हो या हमसे थोड़े दूर पड़ोस का हो. हमारे गांव का हो पर वो हमारे सपनों में दिखाई दे तो तो समझना चाहिए की हमारे ऊपर माता रानी की कृपा हो रही हैं।
तीसरा संकेत है खुद में माता रानी को देखना। हमें सपने में ऐसा लगे कि हमारे ऊपर माता रानी सवार हैं और हम किसी चौकी पर बैठे हुए हैं तो यह माता रानी का शुभ संकेत होता है कि माता रानी हमसे प्रसन्न है।
चौथा संकेत नवरात्रों में अगर आपके दीपक में बहुत बड़ा फूल बनता है तो इससे इष्टदेव और माता रानी की कृपा का संकेत समझना चाहिए। चूँकि नवरात्रों का दिन माता का दिन होता है और माता की जितनी शक्तियां होती है वह सभी धरती पर विचरण करती है चाहे वह माता स्वयं हो, दस महाविद्या हो, चाहे माता की योगनि ही क्यों न हो, जहाँ पर माता रानी के नाम का दीपक जल रहा होता हैं वहां पर माता की शक्ति का आधिपत्य होता है और ये आधिपत्य शक्तियां दीपक में बड़ा सा फूल के रूप में उभरती हैं तो ये माता रानी के प्रसन्न होने का ही एक संकेत होता है।
पांचवा संकेत है दीपक की लौ/जोत का हिलना। हमने पंखा, कूलर नहीं चला रखा हैं और ना ही हमारी दीपक खुले हुए जल रही है। मंदिर में जोत जल रही है हवा कहीं से आ नहीं रही फिर भी हमारा यह दीपक में जो जोत है वह हिल रही है इसका अर्थ है कि हमारी जो पूजा है वह हमारी माता रानी तक पहुंच रही है और माता रानी हमसे प्रसन्न है.
छठा संकेत है कि माता की पूजा आरती भजन सुनते ही हमारे एकदम से रोंगटे खड़े हो जाये। जैसे ही आप भजन सुनते हैं या कोई कीर्तन सुनते हैं माता का तो आपके रोंगटे एकदम खड़े हो जाते हैं तो यह संकेत माता की कृपा का ही संकेत होता है।
सांतवा संकेत होता है कि पूजा करते समय जब आप पूजा करते हैं, हम ध्यान करते हैं माता का, भोग प्रसाद निकालते हैं तो उस समय हमारे कानों में एक ऐसा कोई शब्द या वाक्य सुनाई देता है जो थोड़ा धुंधला या पूरा स्पष्ट रूप से सुनाई दे जो हो सकता है यह कोई मंत्र हो, हो सकता है माता रानी की कोई आवाज़ हो पर उस समय हमे सुनाई दे तो इस चीज़ का विशेष रूप से हमे ध्यान रखें चाहिए। जब हम पूजा करें तो ध्यान से सुनने की कोशिश करना चाहिए कि कौन सा ऐसा शब्द बार बार हमे पूजा करते समय सुनाई देता है।
आठवां संकेत है नवरात्रों में अगर हमारी कोई इच्छा पूर्ण हो जो सालों से है चाहे नौकरी लगने की इच्छा हो चाहे कोई गाड़ी लेने की इच्छा हो, चाहे हमारी प्रमोशन होने की इच्छा है, कोई भी हमारी जो इच्छा हो और वो इच्छापूर्ण नहीं हो रही हो पर नवरात्रों में वह पूर्ण हो जाए तो इससे समझाना चाहिए की माता रानी हमसे प्रसन्न है।
नवमा संकेत होता है नवरात्रों में हमारा जो रुका हुआ पैसा है फंसा हुआ पैसा है वह हमें मिल जाए जैसे कोई केस चल रहा है और किसी वजह से वह क्लियर नहीं हो रहा, पैसा आना था या फिर कोई ऐसा सामान जो हमने बेच रखा है पर पैसा नहीं आ रहा, हमारा किसी पर कर्ज है और वह नहीं आ रहा और नवरात्रों के समय वह आने लगे तो यह माता रानी की कृपा का ही संकेत होता है। सपनों के माध्यम से कोई सजी हुई औरत हमे दिखाई दे रही हों, लाल कपड़ों में कोई सजी हुई महिला या बच्ची हमे दिखाई दे तो ये माता रानी का ही संकेत होता है। सपने में हमे कोई पहाड़ दिखाई दे, कोई गुफा दिखाई दे, कोई मंदिर दिखाई दे तो माता रानी की प्रसन्नता का ही संकेत होता है क्योंकि जब माता प्रसन्न होती है तो माता से जुड़ी चीज़ें हमे दिखाई देनी शुरू हो जाती है. माता की मंदिर, मूरत, चरण, सिंह या चेहरा हमे दिखाई दे तो ये सभी संकेत माता के प्रसन्न होने के ही संकेत होते हैं।
दशम संकेत है कि सपने में हम हनुमान जी को देख रहे हैं. वानरों को देख रहे हैं. क्योंकि हनुमान जी लंगुरिया है माता रानी के और सबसे आगे चलते हैं माता रानी के तो जब भी माता प्रसन्नता में होती है तो भैरव बाबा और हनुमान जी दर्शन ज़रूर देते हैं। सपने में कोई मूर्ति दिखाई देना जो हमे भा गयी हैं और उस मूर्ति को देखने का मन कर रहा है, लाने का मन कर रहा है. तो हम उसे खोजने की कोशिश कर रहे हैं तो यह संकेत माता की कृपा का संकेत है। हम माता की चौकी पर बैठे हैं और हमारा मन उठने को नहीं कर रहा है. एक-दो घंटे पूजा करने को कर रहा है तो यह माता की कृपा का ही संकेत होता है जो माता की शक्ति आपको अपनी तरफ आकर्षित कर रही हैं। सबसे बड़ा संकेत होता है कि माता को देखकर आपको रोना आ रहा है ऐसा मन कर रहा है आपका कि माता के चरणों में पड़ जाऊं गले मिल जाऊं माता के, माता आपके सामने खड़ी है यह संकेत माता की कृपा के ही संकेत होते हैं।
अंत में हमारी माता रानी से विनती हैं कि इस नवरात्री पर वे हम सबकी झोली खुशियों से भरे, हमारी रक्षा करें, हमारे परिवार में सुख समृद्धि लाए और हम सबको एक सही दिशा दिखाए। जय माता दी।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य है और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।